Description
जोकर के दो आगे जोकर
लेखक – शुभानन्द
पृष्ठ – 200
“जोकर के दो आगे जोकर, जोकर के दो पीछे जोकर, बोलो कितने जोकर?” – इस पहेली के साथ जोकर ने एक बार फिर हिंदुस्तान की सरजमीं पर कदम रखे और पहुंचा मुंबई की सेंट्रल जेल के अंदर एक खास मिशन के लिये एक खास पार्टनर की तलाश में । जेल से किसी तरह निकलने के बाद वह सीधे पहुंचा छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित अबूझमाड़ के जंगलों में ।
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