Sale!

Kanoon Ki Aankh/कानून की आँख – Parshuram Sharma

200.00 185.00

अगर कोई कत्ल हो जाये और उसका न्याय मांगने वाला पुलिस के समक्ष कोई न हो– तब पुलिस और कानून क्या करेगा….?

अगर किसी अपराधी की इतनी पकड़ हो कि वह अदालत तक गवाही को पहुँचने ही न दे तब न्यायाधीश किस तरह अपराधी को सजा देगा….?

अगर पुलिस किसी निर्दोष पर डकैती दिखाकर उसका एनकाउंटर कर दे तो कानून पुलिस को क्या सजा देगा….?

और अगर समाज के सफेदपोश इज्जतदार, धनवान व्यक्ति जरायम में लिप्त हों– कानून और पुलिस अधिकारी उनके घिनौने जुर्मों में साझेदार हों– उनके विरुद्ध कहीं कोई सबूत ही न हो– उनके बलबूते पर चुनाव जीते जाते हों, ऐसे लोगों से क्या कोई व्यक्ति कानून से इंसाफ मांग सकता है…?

ऐसे सभी पात्रों से मुलाकात करिये, जिनके लिए अरविन्द को अर्जुन बनना पड़ा और कानून से इंसाफ मांगने के लिए जंगल का कानून लागू कर दिया ।

In stock

Description

अगर कोई कत्ल हो जाये और उसका न्याय मांगने वाला पुलिस के समक्ष कोई न हो– तब पुलिस और कानून क्या करेगा….?

अगर किसी अपराधी की इतनी पकड़ हो कि वह अदालत तक गवाही को पहुँचने ही न दे तब न्यायाधीश किस तरह अपराधी को सजा देगा….?

अगर पुलिस किसी निर्दोष पर डकैती दिखाकर उसका एनकाउंटर कर दे तो कानून पुलिस को क्या सजा देगा….?

और अगर समाज के सफेदपोश इज्जतदार, धनवान व्यक्ति जरायम में लिप्त हों– कानून और पुलिस अधिकारी उनके घिनौने जुर्मों में साझेदार हों– उनके विरुद्ध कहीं कोई सबूत ही न हो– उनके बलबूते पर चुनाव जीते जाते हों, ऐसे लोगों से क्या कोई व्यक्ति कानून से इंसाफ मांग सकता है…?

ऐसे सभी पात्रों से मुलाकात करिये, जिनके लिए अरविन्द को अर्जुन बनना पड़ा और कानून से इंसाफ मांगने के लिए जंगल का कानून लागू कर दिया ।

Additional information

Weight 200 kg
Dimensions 22 × 12 × 1.3 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Kanoon Ki Aankh/कानून की आँख – Parshuram Sharma”

Your email address will not be published. Required fields are marked *