Description
बाली : कैलाश रहस्य
लेखक – देवेन्द्र पाण्डेय
पृष्ठ : 272
एक खोज उस प्राचीन नगरी के रहस्य को जानने की जो कैलाश की प्रतिकृति थी।
जब उस रहस्य का खुलासा हुआ तो उस के साथ
सामने आयी कुछ ऐसी सुप्त शक्तियां जिनका सुप्त रहना ही
समस्त संसार के लिये उचित था। एक युगों पुरानी प्रजाति, जिसके नाश के लिये स्वयं ईश्वर को आना पडा।
वर्तमान संसार अब रणक्षेत्र बन चुका है। प्राचीन पौराणिक आसुरी शक्तियों एवं वर्तमान युग के सर्वनाश के मध्य केवल एक योद्धा खड़ा था, वह जो इस सर्वनाश को रोक सकता था।
एक शक्ति, अमर शत्रु, और वह युद्ध जो सुनिश्चित करेगा हमारा वर्तमान।
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