Description
वो बेगुनाह थी
लेखक – मोहन मौर्य
पृष्ठ – 200
रश्मि माथुर 22 वर्षीय खूबसूरत लड़की, जो हैदराबाद की आई टी कंपनी में 22 लाख के पैकेज पर कार्यरत थी । पुलिस ने उसे ड्रग्स सप्लाई के इल्जाम में गिरफ्तार किया था, पर उसका कहना था कि वो बेगुनाह है और उसे किसी ने फंसाया है । पुलिस को उसकी इस थ्योरी पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था । तब उसे बेगुनाह साबित करने निकला एक 38 वर्षीय आई टी कंपनी में ही कार्यरत राहुल वर्मा, जो जासूसी उपन्यास पढ़ते-पढ़ते खुद को भी जासूस समझने लगा था । क्या वो उसे बेगुनाह साबित जारने मे सफल हुआ या खुद किसी मुसीबत के गले जा लगा ?
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