Description
बाली : मृत्यु सिद्धि
लेखक – देवेन्द्र पाण्डेय
पृष्ठ : 532
त्रेतायुग में उत्पन्न हुई एक रहस्यमयी अभेद्य शक्ति जो समय की परतों के बीच कहीं सुप्त पड़ी थी, जिसका कलयुग में सक्रिय होने का उद्देश्य था- मनुष्यजाति का समूल नाश व असुर जातियों का पुनरूत्थान।
किन्तु अब युद्ध की पृष्ठभूमि बदल चुकी है। छद्म आवरण में अब तक सुप्त पड़ी सारी असुर प्रजातियां अब अपने अस्तित्व के बचाव के लिए खुल कर सामने आ रहीं हैं, अब कोई रहस्य रहस्य नहीं है। मनुष्य, दैत्य, दानव, राक्षस और देव भी इस अंतिम युद्ध में सम्मिलित हो चुके हैं।
सम्पूर्ण पृथ्वी अब एक युद्धक्षेत्र है, उस अंतिम युद्ध की, जो अब निर्णय करेगा कि कौन सी प्रजाति इस पर राज करेगी।
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