Description
बाज़
लेखक – परशुराम शर्मा
पृष्ठ – 228
बाज़ यानी विनाश, मासूम-सा एक नौजवान जो मुहब्बत की जंग हारने के बाद कातिलों की रणभूमि में कूद पड़ा । विनाश, मार्शल आर्ट के मास्टर शाईतैन का शाहकार था, बाबा चन्दन ने उसे बचपन से योग और पहलवानी की दीक्षा दी थी और बहराम उसे राष्ट्र की संपत्ति बनाकर “बाज़ीगर” का खिताब देने के लिये तैयार था ।
जादूगर लेखक परशुराम शर्मा का एक अतिरोमांचक किरदार जिसके सोचने, लड़ने और अपने दुश्मन को धूल चटाने के अंदाज पर आप स्तब्ध रह जाएंगे ।
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