Description
ऑक्सीजन ऑफ लाइफ
लेखक – मिथिलेश गुप्ता
पृष्ठ – 220
इंदौर से हैदराबाद पहुंचना जितना आसान लग रहा था उतना था नहीं। हिंदी मीडियम की पढ़ाई ने कस के कान गर्म कर दिए थे। अँग्रेज़ी दिलरूबा की तरह नचा रही थी। दो दर्जन इंटरव्यूज़ के बाद आखिरकार जब एक नई मंजिल की तलाश में निकला तभी वह मिली, झील की शान्त लहरों जैसी गुमसुम और एकांत सी। और जैसे सब कुछ बदल गया। वो यानी ‘पूर्वी’, जिसने एक झटके में जीवन में उस ऑक्सीजन का मतलब ही बदल दिया जिसका आज तक मैं जीने के लिए इस्तेमाल कर रहा था।
फार्मा में केमिकल्स और मेडिसिन्स के फॉर्मूलों के बीच लैब में चार साल बिताने वाला मैं, आखिर ये कहानी कैसे लिखता ?
पूर्वी- जिसने मान लिया था ज़िंदगी को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत उतनी नहीं होती, जितनी एक उम्मीद की। आदित्य, पायल और पूर्वी की ऐसी कहानी जहाँ से सवाल तो कई उठते हैं पर जवाब की कोई “उम्मीद” नहीं उठती। जहाँ किसी की ज़िन्दगी की ऑक्सीजन उस मुट्ठी में बंद है जिसे हम चाहकर भी नहीं खोल पाते।
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‘जस्ट लाइक दैट’ और ‘तेरी इश्क़ वाली खुशबू’ के लेखक मिथिलेश गुप्ता लेकर आएं है एक ऐसा उपन्यास जिसे पढ़ना आज के युवाओं और समाज के सभी लोगों के लिए बहुत जरुरी है।
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