Description
क़ातिलाना
लेखक – निखिल उप्रेती
पृष्ठ – 170
हिमालय की पहाड़ियों पर बने वेस्टवुड विला में जब स्कूल के ज़माने के छः दोस्त बरसों बाद मिलते हैं तो दिल में कई ज़ज़्बात लिए होते हैं | बरसों पुरानी दोस्ती, स्कूल के वो हसीं लम्हे ताज़ा हो जाते हैं. पर साथ ही ताज़ा हो जाता है एक पुराना ज़ख्म जो वक़्त के साथ एक नासूर बन चुका है | कोई है जिसने इन सभी को बड़ी चालाकी से यहाँ इकठ्ठा किया है | कोई है जो इन सभी छ: दोस्तों के अतीत से जुड़े उस राज़ का पर्दाफाश करना चाहता है | शनाया, मकरंद, काजल, रुचिर , विद्या और विनीत एक एक करके उस गुमनाम क़ातिल के हाथों सज़ा पाने लगते हैं जो इन सभी से इनकी ही क्लास की साथी मेघना की मौत का बदला लेना चाहता है, जिसकी मौत को इन सभी की तरफ दुनिया आज तक ख़ुदकुशी मानती आयी थी| कौन है ये क़ातिल ? क्या वो अपने इस क़ातिलाना काम को अंजाम तक ले जा सकेगा ?
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