Description
वह छिपकली है, वह एक बला की खूबसूरत नारी है, जो जिस किसी पर मेहरबान हो जाये उसे दुनिया की हर बाजी जीता दे, बशर्ते उसकी प्यास इंसानी खून से बुझती रहे। तन्त्र, मन्त्र, काला जादू, पैरासायक्लॉजी, हॉरर जैसे विषय पर लिखा परशुराम शर्मा का एक अनोखा विशेषांक
इन्का
पाँच भागों में फैली एक हैरतंगेज़ दास्ताँ
पृष्ठ : 926
- इन्का
- इन्का का तांडव
- छिपकली इन्का
- इन्का के पुजारी
- अलविदा इन्का
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