Description
शक्ति और भक्ति
लेखिका – डॉ रूनझुन सक्सेना शुभानन्द
भूवैज्ञानिक सैम्पल की खोज में निकली अनिका को, खड़कवानी की खान में एक अलौकिक योनि नुमा क्रिस्टल प्राप्त होता है। परंतु उसके मिलते ही अनिका का एक्सीडेंट हो जाता है और वह कोमा में चली जाती है। कोमा के दौरान अनिका को अपने सारूप्य का ज्ञान तब होता है, जब देवी स्वयं उसे दर्शन देती हैं। कोमा से उठते ही अनिका अपनी जीवन की समस्याओं के भंवर में फंस जाती है और दोबारा, वागाम्भृणी द्वारा बताए, देवी सूक्तं को याद करती है। देवी सूक्तं के रहस्यमयी ज्ञान से अनिका, अपने अंदर छुपी असीम भक्ति से अवगत होती है और अपनी ज़िंदगी को बदलने के लिए निकल पड़ती है। वह अलौकिक क्रिस्टल अनिका को कहाँ तक लेकर जाएगा? देवी सूक्तं में ऐसा क्या विशेष था? क्या शक्ति और भक्ति का मिलन अनिका को अपने गंतव्य तक पहुंचा पाएगा?
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